अंतर्गाथा antargatha
समय-समय पर मन में उठने वाले विचारों की कतरनें प्रस्तुत हैं इस ब्लॉग में...
Saturday, 4 August 2012
दिल में जो दर्द है आँखों में छुपा लेते हैं
हम तेरी याद को पलकों पे सजा लेते हैं
किस्सा अब तेरी बेवफाई का यूँ आम हुआ
गैर तो गैर अब अपने भी मजा लेते हैं
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