किसी की लिखी ये पंक्तियाँ अचानक दिखाई दे गईं:
''सोच को बदलो सितारे बदल जायेंगे ,
नज़र को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे ,
किश्तियों को बदलने की ज़रुरत नहीं
दिशा को बदल लो किनारे बदल जायेंगे .''
नज़र को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे ,
किश्तियों को बदलने की ज़रुरत नहीं
दिशा को बदल लो किनारे बदल जायेंगे .''
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